----अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दलाश के गंच्छवा में जगाई योग की अलख
(Diwan Raja, Anni Today)
पूरे विश्व भर में विश्व योग दिवस पर घर-घर योग की अलख जलाई गई। भारत में भी योग दिवस पर योग एवं प्राणायम के माध्यम से कोरोना रूपी काल को दूर भगाने का सन्देश दिया गया ।
आनी खण्ड की ग्राम पंचायत डिंगीधार के राजकीय प्राथमिक पाठशाला गंच्छवा के प्रांगण में भी लोगों ने योग एवं प्राणायाम किया ।
बताते चलें , गांव की अनिता आनन्द पिछले कई महीनों से गांव में योग ,प्राणायाम व अन्य क्रियाओं के माध्यम से एक स्वस्थ समाज जे निर्माण का संदेश देने में जुटी है।
इस मौके पर भारत स्वाभिमान व पतंजलि योगपीठ के अनिल आर्य विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने कहा कि भारत के 6 आस्तिक दर्शनों में से योग दर्शन भी एक है। इस दर्शन के प्रवर्तक महर्षि पतंजलि है। उनका यह योग दर्शन समाधि, साधन विभूति तथा कैवल्य नाम के 4 पदों में विभक्त है। वैसे तो उपनिषदों में भी योग के अनेक प्रसंग है। योग वही है जिससे इंद्रियां साधक के बस में हो जाती हैं। लेकिन इस विषय को एक स्वतंत्र दर्शन के रूप में उपनिबंध करने का श्रेय महर्षि पतंजलि को ही प्राप्त है। इसमें किसी को भी कोई संदेह नहीं है। योग शब्द मुख्य रूप से चित्त वृत्तियों को एकाग्र करने के अर्थ में प्रसिद्ध है। जैसा कि महर्षि पतंजलि सूत्र में कहा गया है। वायु समान चित्र का सर्वदा निरोध करना अत्यंत दुष्कर है। इसलिए बार-बार अभ्यास करने एवं वैराग्य की आश्रय लेने से वह भी संभव हो जाता है ।
वहीं,योग साधिका अनिता आनन्द ने कहा कि योग के अभ्यास से मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा अन्य गंभीर बीमारियां सही हो जाती हैं। मौजूदा समय में जो कोरोना वायरस है इससे लड़ने के लिए योग के माध्यम से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा की जा सकती है और योग के माध्यम से कोरोना को मात दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि योग को नियमित करना जरूरी है। गाए-बागये योग करने से साधक को उतना लाभ नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी है। इसे देखते हुए सामूहिक योग कार्यक्रम नहीं हो सका। लेकिन लोगों ने घर-घर में योगाभ्यास करके इस दर्शन को मजबूत बनाना है । योग सभी रोगों को भगाता है।
इस मौके पर सुरेंद्र भारती, पूनम,शारदा,हिमानी,प्रीति,सुंदर,सुषमा,महेंद्र,निशा,राहुल,प्रकृति,रोशन लाल,कांता, चेतन,हीरा देवी,सेनु,डिंपू व महक आदि मौजूद रहे।
(Diwan Raja, Anni Today)
पूरे विश्व भर में विश्व योग दिवस पर घर-घर योग की अलख जलाई गई। भारत में भी योग दिवस पर योग एवं प्राणायम के माध्यम से कोरोना रूपी काल को दूर भगाने का सन्देश दिया गया ।
आनी खण्ड की ग्राम पंचायत डिंगीधार के राजकीय प्राथमिक पाठशाला गंच्छवा के प्रांगण में भी लोगों ने योग एवं प्राणायाम किया ।
बताते चलें , गांव की अनिता आनन्द पिछले कई महीनों से गांव में योग ,प्राणायाम व अन्य क्रियाओं के माध्यम से एक स्वस्थ समाज जे निर्माण का संदेश देने में जुटी है।
इस मौके पर भारत स्वाभिमान व पतंजलि योगपीठ के अनिल आर्य विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने कहा कि भारत के 6 आस्तिक दर्शनों में से योग दर्शन भी एक है। इस दर्शन के प्रवर्तक महर्षि पतंजलि है। उनका यह योग दर्शन समाधि, साधन विभूति तथा कैवल्य नाम के 4 पदों में विभक्त है। वैसे तो उपनिषदों में भी योग के अनेक प्रसंग है। योग वही है जिससे इंद्रियां साधक के बस में हो जाती हैं। लेकिन इस विषय को एक स्वतंत्र दर्शन के रूप में उपनिबंध करने का श्रेय महर्षि पतंजलि को ही प्राप्त है। इसमें किसी को भी कोई संदेह नहीं है। योग शब्द मुख्य रूप से चित्त वृत्तियों को एकाग्र करने के अर्थ में प्रसिद्ध है। जैसा कि महर्षि पतंजलि सूत्र में कहा गया है। वायु समान चित्र का सर्वदा निरोध करना अत्यंत दुष्कर है। इसलिए बार-बार अभ्यास करने एवं वैराग्य की आश्रय लेने से वह भी संभव हो जाता है ।
वहीं,योग साधिका अनिता आनन्द ने कहा कि योग के अभ्यास से मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा अन्य गंभीर बीमारियां सही हो जाती हैं। मौजूदा समय में जो कोरोना वायरस है इससे लड़ने के लिए योग के माध्यम से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा की जा सकती है और योग के माध्यम से कोरोना को मात दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि योग को नियमित करना जरूरी है। गाए-बागये योग करने से साधक को उतना लाभ नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी है। इसे देखते हुए सामूहिक योग कार्यक्रम नहीं हो सका। लेकिन लोगों ने घर-घर में योगाभ्यास करके इस दर्शन को मजबूत बनाना है । योग सभी रोगों को भगाता है।
इस मौके पर सुरेंद्र भारती, पूनम,शारदा,हिमानी,प्रीति,सुंदर,सुषमा,महेंद्र,निशा,राहुल,प्रकृति,रोशन लाल,कांता, चेतन,हीरा देवी,सेनु,डिंपू व महक आदि मौजूद रहे।
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