" दो सौ वर्षों बाद निथर में दोहराया जाएगा देव इतिहास" ।
आनी की दस पंचायतों के राजा बारह हज़ार से भी अधिक देवलुओं के साथ निथर में शिरकत करेंगे ।दो सौ वर्ष बाद होगा आनी के "शमशर महादेव" और निथर के "बूढ़ा महादेव" का मिलन।
आनी के आराध्य श्री शमशरी महादेव लगभग २०० वर्ष बाद निथर के बूढ़ा महादेव से मिलने जा रहे है । सैकड़ों वर्ष उपरांत देव संस्कृति की की अनोखी व अद्भुत झलक मिलेगी । जब देवताओं का सैकड़ों वर्ष बाद मिलन होगा । तत्काल इतिहास दोहराया जाएगा ।
पूर्वजों के अनुसार निथर के बूढ़ा महादेव और आनी के शमशरी महादेव का एक ही रूप है ।
सैकड़ों वर्षों से लोगों की आस्था थी कि वह शमशरी महादेव को बूढ़ा महादेव के दरवार ले जाएँ । इस बार देवता ने इजाज़त दी और देवता निथर में आयोजित होने वाले "शिव-महापुराण" में शारिक होंगे और सेंकडो वर्ष पुरानी यादों को ताज़ा किया जाएगा । देवता शमशर महादेव के कमेटी सचिव मस्त राम ने बताया कि देवता शमशर जी 28 को धोगी और 29 अप्रैल को निथर अपने सैकड़ों देवलुओं सहित पहुँचेंगे ।
बजुर्गों का मानना है कि दोनो देवताओं का एक ही रूप है । देव संस्कृति के अनुसार मान्यता है कि दोनो महदेवो के एक ही गुर व एक ही पुजारी इस दौरान देव संस्कृति का निर्वहन करते हैं । इस दौरान दोनो देवताओ का सैकड़ों साल पुराने इतिहास से पर्दा उठेगा । क्षेत्र के लोगों की दोनो देवताओं के प्रति आपार आस्था हैं । लोगों का कहना है की यह महासंगम का पल उनके जीवन में बेहद रोमांचभरा और एतिहासिक होगा । जिसे देखने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हो रहा है ।
आनी की दस पंचायतों के राजा बारह हज़ार से भी अधिक देवलुओं के साथ निथर में शिरकत करेंगे ।दो सौ वर्ष बाद होगा आनी के "शमशर महादेव" और निथर के "बूढ़ा महादेव" का मिलन।
आनी के आराध्य श्री शमशरी महादेव लगभग २०० वर्ष बाद निथर के बूढ़ा महादेव से मिलने जा रहे है । सैकड़ों वर्ष उपरांत देव संस्कृति की की अनोखी व अद्भुत झलक मिलेगी । जब देवताओं का सैकड़ों वर्ष बाद मिलन होगा । तत्काल इतिहास दोहराया जाएगा ।
पूर्वजों के अनुसार निथर के बूढ़ा महादेव और आनी के शमशरी महादेव का एक ही रूप है ।
सैकड़ों वर्षों से लोगों की आस्था थी कि वह शमशरी महादेव को बूढ़ा महादेव के दरवार ले जाएँ । इस बार देवता ने इजाज़त दी और देवता निथर में आयोजित होने वाले "शिव-महापुराण" में शारिक होंगे और सेंकडो वर्ष पुरानी यादों को ताज़ा किया जाएगा । देवता शमशर महादेव के कमेटी सचिव मस्त राम ने बताया कि देवता शमशर जी 28 को धोगी और 29 अप्रैल को निथर अपने सैकड़ों देवलुओं सहित पहुँचेंगे ।
बजुर्गों का मानना है कि दोनो देवताओं का एक ही रूप है । देव संस्कृति के अनुसार मान्यता है कि दोनो महदेवो के एक ही गुर व एक ही पुजारी इस दौरान देव संस्कृति का निर्वहन करते हैं । इस दौरान दोनो देवताओ का सैकड़ों साल पुराने इतिहास से पर्दा उठेगा । क्षेत्र के लोगों की दोनो देवताओं के प्रति आपार आस्था हैं । लोगों का कहना है की यह महासंगम का पल उनके जीवन में बेहद रोमांचभरा और एतिहासिक होगा । जिसे देखने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हो रहा है ।
No comments:
Post a Comment