--अभिनय की दुनिया में चमकने की चाह रखने वाला : सुरेश सुर
कदम बढ़ाया है जो आगे ,रुकने का नाम न लें
मत बैठो तुम थक कर ,जब तक विजय पताका थाम न लें
इन पंक्तियों को सार्थकता प्रदान कर रहे हैं i-Sur Studio कूल्लु के डिरेक्टर सुरेश सुर ।
आनी उपमण्डल की ग्राम पंचायत कुटेढ़ के हिमरी कुटेढ़ में जन्मे सुरेश सुर आज किसी बड़ी प्रेरणा से कम नहीं ।मधुर-मिलसार व्यवहार और कार्यकुशलता इनकी पहचान है। इनका हुनर आज सर चढ़ कर बोलता नज़र आ रहा है । यही कारण है कि सुरेश आज सबके दिलों पर राज कर रहे हैं । बचपन से ही गीत-संगीत में रुचि रखने वाला यह शख्स निरन्तर बुलंदियों की ओर अग्रसर है । सुरेश सुर 2007 में मुम्बई के किशोर नामित कपूर एक्टिंग स्कूल से पासआउट है। जहां पर बॉलीबुड के कई सितारों ने इनको जीवन मे आगे बढ़ने की एक नई राह दिखाई । बॉलीवुड स्टार रणवीर ,टीवी स्टार विशाल गांधी और मराठी स्टार भूषण पाटिल के साथ किन्नौर नामित और रज़ा मुराद जैसे नामी और प्रतिष्ठित कलाकारों से एक्टिंग की बारीकियां सीखी । कस्तूरी ,जिया जले और डोली सजा के जैसे प्रतिष्ठत टीवी शो में काम करके अपनी एक नई पहचान कायम की। हिमाचल गीत-संगीत और पुरातन संस्कृति के संरक्षण हेतु i-Sur Film Studio बनाया जिसमें न जाने कितने वीडियो बना चुके हैं । हिमाचल के रीति-रिवाजों और परम्पराओं को संजोए रखने का एक अनूठा प्रयास इनकी हर एक वीडियो में झलकता है । यही कारण है कि यू ट्यूब पर इनके वीडियो मिलियनज़ लोग देखते है । इतना ही नहीं सुरेश सुर चंडीगढ़ में एक कम्युनिटी रेडियो स्टेशन में रेडियो जॉकी का भी काम कर चुके है। इसके अलावा सुरेश सुर की फ़ोटोग्राफ़ी ,सिनेमाटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में भी महारत हासिल है। हाल में ही सुरेश सुर ने एक मराठी टीवी शो नकुशी में भी काम किया है। जल्द इस बहुआयामी चेहरे को बॉलीबुड की एक नामी हस्ती के रूप में देखेंगे । इनके प्रयासों और सराहनीय कार्यों के लिए इन्हें कई नामी संस्थाएं और प्रशासन भी सम्मानित कर चुका है ।
सभी युवाओं से सुरेश सुर सिर्फ़ इतना ही कहना चाहते है कि :
गीत- संगीत हमारी पहचान है । यह प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक और मार्गदर्शक रहा है । गीत, संगीत ने धार्मिक एवम सामजिक ढांचे को विकसित करने का भी काम किया है । इसने हमे अध्यात्म से जोड़कर रखा है । आज गीत, संगीत ने भारत को पूरी दुनिया में एक विशिष्ट और अलग पहचान दी है तथा हर स्तर पर, हर वर्ग के लोगों को अपनी और आकृष्ट किया है |आदिकाल से अब तक गीत, संगीत हमारे परम्परा, संस्कार, रिवाज़ के उत्थान और तरक्की के गवाह रहें हैं | गीत, संगीत इंसान के लिए प्रकृति का एक अनूठा वरदान है, यह एक अद्भुत उपहार है जो सिर्फ गिने चुने लोगों को ही मिलता है ।
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सुरेश सुर को "आनी टुडे" की ओर से जन्मदिवस की शुभकामनाएं और भविष्य के लिए मंगलकामनाएं 🎂🌷
कदम बढ़ाया है जो आगे ,रुकने का नाम न लें
मत बैठो तुम थक कर ,जब तक विजय पताका थाम न लें
इन पंक्तियों को सार्थकता प्रदान कर रहे हैं i-Sur Studio कूल्लु के डिरेक्टर सुरेश सुर ।
आनी उपमण्डल की ग्राम पंचायत कुटेढ़ के हिमरी कुटेढ़ में जन्मे सुरेश सुर आज किसी बड़ी प्रेरणा से कम नहीं ।मधुर-मिलसार व्यवहार और कार्यकुशलता इनकी पहचान है। इनका हुनर आज सर चढ़ कर बोलता नज़र आ रहा है । यही कारण है कि सुरेश आज सबके दिलों पर राज कर रहे हैं । बचपन से ही गीत-संगीत में रुचि रखने वाला यह शख्स निरन्तर बुलंदियों की ओर अग्रसर है । सुरेश सुर 2007 में मुम्बई के किशोर नामित कपूर एक्टिंग स्कूल से पासआउट है। जहां पर बॉलीबुड के कई सितारों ने इनको जीवन मे आगे बढ़ने की एक नई राह दिखाई । बॉलीवुड स्टार रणवीर ,टीवी स्टार विशाल गांधी और मराठी स्टार भूषण पाटिल के साथ किन्नौर नामित और रज़ा मुराद जैसे नामी और प्रतिष्ठित कलाकारों से एक्टिंग की बारीकियां सीखी । कस्तूरी ,जिया जले और डोली सजा के जैसे प्रतिष्ठत टीवी शो में काम करके अपनी एक नई पहचान कायम की। हिमाचल गीत-संगीत और पुरातन संस्कृति के संरक्षण हेतु i-Sur Film Studio बनाया जिसमें न जाने कितने वीडियो बना चुके हैं । हिमाचल के रीति-रिवाजों और परम्पराओं को संजोए रखने का एक अनूठा प्रयास इनकी हर एक वीडियो में झलकता है । यही कारण है कि यू ट्यूब पर इनके वीडियो मिलियनज़ लोग देखते है । इतना ही नहीं सुरेश सुर चंडीगढ़ में एक कम्युनिटी रेडियो स्टेशन में रेडियो जॉकी का भी काम कर चुके है। इसके अलावा सुरेश सुर की फ़ोटोग्राफ़ी ,सिनेमाटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में भी महारत हासिल है। हाल में ही सुरेश सुर ने एक मराठी टीवी शो नकुशी में भी काम किया है। जल्द इस बहुआयामी चेहरे को बॉलीबुड की एक नामी हस्ती के रूप में देखेंगे । इनके प्रयासों और सराहनीय कार्यों के लिए इन्हें कई नामी संस्थाएं और प्रशासन भी सम्मानित कर चुका है ।
सभी युवाओं से सुरेश सुर सिर्फ़ इतना ही कहना चाहते है कि :
गीत- संगीत हमारी पहचान है । यह प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक और मार्गदर्शक रहा है । गीत, संगीत ने धार्मिक एवम सामजिक ढांचे को विकसित करने का भी काम किया है । इसने हमे अध्यात्म से जोड़कर रखा है । आज गीत, संगीत ने भारत को पूरी दुनिया में एक विशिष्ट और अलग पहचान दी है तथा हर स्तर पर, हर वर्ग के लोगों को अपनी और आकृष्ट किया है |आदिकाल से अब तक गीत, संगीत हमारे परम्परा, संस्कार, रिवाज़ के उत्थान और तरक्की के गवाह रहें हैं | गीत, संगीत इंसान के लिए प्रकृति का एक अनूठा वरदान है, यह एक अद्भुत उपहार है जो सिर्फ गिने चुने लोगों को ही मिलता है ।
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सुरेश सुर को "आनी टुडे" की ओर से जन्मदिवस की शुभकामनाएं और भविष्य के लिए मंगलकामनाएं 🎂🌷
Thank u So much Anni Today, specially Deewan Raja. Thanks a lot :)
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