Friday, 20 April 2018

गंदे हाथ जानलेवा बीमारियों के वाहक

-------- हाथ धोएं और स्वस्थ रहें ,गंदे हाथ जानलेवा बीमारियों के वाहक
आज क्षेत्र के कई स्कूलों के बच्चों ने साबुन से हाथ धोकर संक्रामक बीमारियों की रोकथाम का संकल्प लिया । विभिन्न विद्यालयों में हाथ धोने के सम्बंध में जानकारी बांटी गई । बताया गया कि सिर्फ हाथ धोना काफी नहीं है, सही तरीके से हाथ धोना और उसे साफ रखना भी जरूरी है। कई लोग हाथ धोने के नाम पर केवल उँगलियों के पोर भिगा लेते हैं और सोचते हैं कि हाथ धुल गया। हाथ तभी साफ होते हैं जब उन्हें साबुन से अच्छी प्रकार मल-मल कर साफ पानी से धोया जाए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दस्त लगने से हर साल 2 मिलियन बच्चे मर जाते हैं, जिनमें से हर पाँचवा बच्चा भारतीय होता है। साबुन से हाथ धोकर इस आँकड़े को कम किया जा सकता हौ। लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के अनुसार हाथ धोकर 47 प्रतिशत डायरिया कम किया जा सकता है। सहस्त्राब्दी लक्ष्यों में से एक यह भी है कि 2015 पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की होने वाली मृत्यु का प्रतिशत दो तिहाई कम किया जा सके। साबुन से हाथ धोकर इस लक्ष्य की पूर्ति में बड़ा सहयोग किया जा सकता है।
★गंदे हाथ जानलेवा रोगों के वाहक
जरूरी नहीं है कि जो हाथ साफ दिख रहे हैं वो वाकई साफ हों। साफ दिखने वाले हाथों में भी कीटाणु हो सकते हैं। कीटाणु भरे हाथ रोजाना एक हजार भारतीय बच्चों की जान लेते हैं। गंदे हाथ कई जानलेवा रोगों के वाहक हैं। खाने से पहले, खाने के बाद व शौच के बाद हाथ जरूर धोएँ। न सिर्फ धोएँ, बल्कि अच्छे से साफ रखने के जतन भी करें।
★गंदे तौलिये से हाथ न पोंछे
हाथ अच्छी तरह धोकर उसे पहने हुए कप़ड़ों की छोर में,जेब में रखे रूमाल में अथवा आँचल में नहीं पोंछना चाहिए। इनमें कीटाणु मौजूद होते हैं, जो गीले हाथों में चिपक जाते हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि साफ-सुथरी जगह पर सुखाए गए तौलिए का ही इस्तेमाल करें। तौलियों को उबलते पानी में धोएँ ताकि वे पूरी तरह कीटाणु मुक्त हो जाएँ। खाने के पहले हथेलियों के ऊपर तक हाथ धोएँ और हवा में सुखाएँ इस तरह तौलिए में छिपे कीटाणु से बचा जा सकेगा। खासते-छींकते वक्त हाथों को आगे करने के बजाए रूमाल को आगे करें।
● राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (कन्या) आनी,राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दलाश, बुछैर और राजकीय प्राथमिक पाठशाला धोगी की कुछ झलकियां





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