Sunday, 29 April 2018

200 वर्षों बाद देव मिलन का ऐतिहासिक पल

---- *देव मिलन देख भावभिवोर हुए लोग*
बूढ़ा महादेव मंदिर नित्थर के पावन सानिध्य में 20 अप्रैल से चल रहे श्री शिवमहापुराण में आउटर सिराज़ के तीनों गढ़ों के देवता शमशरी महादेव आज अपने सैंकड़ों श्रदालुओं सहित नित्थर क्षेत्र में पहुँचे । 200 वर्षों बाद देव-संस्कृति और देवी-देवताओं के मिलन का ऐसा अनूठा और अद्धभुत नज़ारा देखने को मिला । इस अवसर पर जहाँ सम्पूर्ण क्षेत्रवासी खुशी जगजाहिर करते दिखे वहीं वर्षों बाद इस नज़ारे को देख कई आंखें नम भी दिखी । सुबह लगभग 8 बजे बखनाओ से नित्थर के लिए मीलों पैदल रवाना हुए शमशरी महादेव के जुलूस ने नित्थर तक एक बड़ा रूप धारण कर लिया। इस दौरान विभिन्न जगहों पर महादेव का भव्य स्वागत हुआ । क्षेत्र के अमरबाग , कंडागई,कटाहर , तांदी समेत कई जगहों पर लोगों ने शमशरी महादेव के सम्मुख अपने शीश नवाएं और फूल मालाओं के साथ स्वागत में शरीक हुए । नित्थर पहुँचने से पहले क्षेत्र के आराध्य देव ने परम्परा का निर्वहन करते हुए बूढ़ा महादेव के पुराने मंदिर कुपरदढ़ पहुँचकर प्राचीन रीति रिवाजों का भी निर्वहन किया। नित्थर पहुँचते ही महादेव का भव्य स्वागत हुआ । हज़ारों श्रदालुओं समेत भुवनेश्वरी ,चेवड़ी,दुराह के देवी-देवता इस अविस्मरणीय पल के साक्षी बनें । दर्जनों ढ़ोल-नगाड़ों ,करनालों ,प्राचीन वाद्य यंत्रों की थापों पर हर कोई झूमने को मजबूर हो गया । क्षेत्रवासियों ने क्षेत्र की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए कामना की और देवशक्ति के आगे नतमस्तक हुए । सामूहिक दैव नृत्य ने नित्थर क्षेत्र को भक्तिमय कर दिया और सभी के चेहरों पर मुस्कान ला दी । हज़ारों की तादाद में उमड़ी भीड़ के नियंत्रण के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस के जवानों को भी तैनाती दी गई है ।  रात्रि को भजन कीर्तन होगा जिसमें सभी श्रदालु भक्ति रस में डूब जाएंगे । पारम्परिक व प्राचीन काल से चली आ रही परम्पराओं एवं रीति-रिवाजों का बख़ूबी निर्वहन किया जाएगा । समापन अवसर पर भी कई मुख्य आकर्षण प्रस्तुत होंगे और दोपहर बाद भव्य भण्डारे के साथ व देव विदाई के साथ इस पुण्य आयोजन का विधिवत समापन होगा ।


विशेष आभार : पत्रकार ,चमन शर्मा (आनी) और सरिता ठाकुर वालिया (नित्थर)

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