क्षेत्र की सेवा में समर्पित यह चेहरा आज सबके दिलों की धड़कन है । छविंद्र शर्मा
1994 से पत्रकारिता का एक लंबा चौड़ा अनुभव रखते है जब वीर प्रताप अखबार हुआ करता था । उसके बाद विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों अमर उजाला,पंजाब केसरी,दैनिक भास्कर,दैनिक ट्रिब्यून हिंदी, में बतौर पत्रकार काम किया और वर्तमान में दिव्या हिमाचल के तेज तर्रार पत्रकार है ।पत्रकार होने के साथ एक लेखक,कवि और साहित्यकार भी है । गिरीराज सहित भाषा,कला एवं संस्कृत अकादमी की विभिन्न पत्रिकाओं में इनके लेख,कविताएं, व साहित्य प्रकाशित होते रहते हैं । इतना ही नहीं वर्ष 1998 में पंजाब साहित्य अकादमी ने छविंद्र शर्मा को प्रतिष्ठित पंकस अवार्ड से भी नवाज़ा । ज़िन्दगी में निरन्तर संघर्षरत इस व्यक्तित्व ने कला,साहित्य और संस्कृति संरक्षण में भी कई आयाम स्थापित किये है ।
शर्मा ने पत्रकारिता में महाविद्यालय नई दिल्ली से डिप्लोमा किया है। लिखने का शौक कॉलेज के दिनों वर्ष 1990 से रहा है। यही कारण है कि आज एक ओजस्वी लेखक है । निरन्तर आगे बढ़ने का सफ़र यहीं नहीं थमा , टांकरी प्रशिक्षण प्राप्त कर , पांडुलिपियों के शोध पर भी कार्य किया है । आनी में विजय उपाध्याय के बाद वर्ष 1994 में पत्रकारिता की शुरुआत की । बहुआयामी प्रतिभा के धनी छविंद्र शर्मा को आनी टुडे की ओर से उनके भविष्य के लिए मंगलकामनाएं । आप हमेशा यूँ ही उन्नति करें और स्वस्थ ,निरोग रहे 🙏
1994 से पत्रकारिता का एक लंबा चौड़ा अनुभव रखते है जब वीर प्रताप अखबार हुआ करता था । उसके बाद विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों अमर उजाला,पंजाब केसरी,दैनिक भास्कर,दैनिक ट्रिब्यून हिंदी, में बतौर पत्रकार काम किया और वर्तमान में दिव्या हिमाचल के तेज तर्रार पत्रकार है ।पत्रकार होने के साथ एक लेखक,कवि और साहित्यकार भी है । गिरीराज सहित भाषा,कला एवं संस्कृत अकादमी की विभिन्न पत्रिकाओं में इनके लेख,कविताएं, व साहित्य प्रकाशित होते रहते हैं । इतना ही नहीं वर्ष 1998 में पंजाब साहित्य अकादमी ने छविंद्र शर्मा को प्रतिष्ठित पंकस अवार्ड से भी नवाज़ा । ज़िन्दगी में निरन्तर संघर्षरत इस व्यक्तित्व ने कला,साहित्य और संस्कृति संरक्षण में भी कई आयाम स्थापित किये है ।
शर्मा ने पत्रकारिता में महाविद्यालय नई दिल्ली से डिप्लोमा किया है। लिखने का शौक कॉलेज के दिनों वर्ष 1990 से रहा है। यही कारण है कि आज एक ओजस्वी लेखक है । निरन्तर आगे बढ़ने का सफ़र यहीं नहीं थमा , टांकरी प्रशिक्षण प्राप्त कर , पांडुलिपियों के शोध पर भी कार्य किया है । आनी में विजय उपाध्याय के बाद वर्ष 1994 में पत्रकारिता की शुरुआत की । बहुआयामी प्रतिभा के धनी छविंद्र शर्मा को आनी टुडे की ओर से उनके भविष्य के लिए मंगलकामनाएं । आप हमेशा यूँ ही उन्नति करें और स्वस्थ ,निरोग रहे 🙏
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