Sunday, 21 June 2020


---दुनिया की दुर्गम यात्रा में शुमार श्रीखंड यात्रा इस वर्ष नहीं हो पाएगी : चेत सिंह,उपाध्यक्ष ,श्रीखण्ड यात्रा ट्रस्ट व एसडीएम आनी

● हिमालय की गोद में बसा श्रीखंड महादेव
(Diwan Raja,AnniToday)

दुनिया की बेहद दुर्गम व रोमांचकारी यात्राओं में शुमार हिमालय की गोद में 18570 फ़ीट की ऊंचाई पर स्तिथ पवित्र स्थल श्रीखण्ड महादेव के दर्शन इस वर्ष श्रदालु नहीं कर पाएंगे । श्रीखण्ड महादेव यात्रा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एवं एसडीएम आनी चेत सिंह ने बताया कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते इस यात्रा पर रोक लगा दी गई है । यात्रा से पहले जो जूना अखाड़ा निमरण्ड से माता अम्बिका की छड़ी यात्रा दर्शनों के लिए निकलती थी ,उस पर भी रोक लग गई है । उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने की दृष्टि से यह फैसला लिया गया है । यह यात्रा 15 जुलाई से शुरू होती थी जिसमें देश-विदेश के हज़ारों श्रदालु दर्शन करने के लिए निकलते थे । उन्होंने सभी से नियमों के पालन करने की अपील की है । उन्होंने बताया कि कोई भी श्रदालु चोरी-छिपे जाने का प्रयास न करें ,जगह जगह पुलिस की तैनाती रहेगी ।

●● जानते है इस यात्रा के बारे में 

हिमालय की गोद में विराजमान श्रीखंड महादेव के दर्शन करना आसान नहीं है। यह जिला कुल्लू के आनी में है लेकिन निरमंड से होकर ही यहां पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचने के लिये पैदल ही चलना पड़ता है। दुनिया की सबसे दुर्गम धार्मिक यात्राओं में शामिल होने के बावजूद श्रीखंड यात्रा के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यात्रा में पहुंचते हैं। कुल्लू जिला के आनी में यह इलाका है। निरमंड से श्रीखंड यात्रा के लिए 32 किलोमीटर की सीधी चढ़ाई श्रद्धालुओं के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होती है।

● चढ़नी पड़ती है 18570 फीट की ऊंचाई : 
आम तौर पर कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे कठिन व दुर्गम धार्मिक यात्रा मानी जाती है। उसके बाद किसी का नंबर आता है तो वो है अमरनाथ यात्रा, लेकिन हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी ज्यादा कठिन है। अमरनाथ यात्रा में जहां लोगों को करीब 14000 फीट की चढ़ाई करनी पड़ती है तो श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए 18570 फीट की ऊचाई पर चढ़ना होता है और यहां पहुंचने का रास्ता भी बेहद खतरनाक है। अमरनाथ से भी कठिन श्री खंड महादेव की इस यात्रा में रूह कांप जाती है।

● सुंदर घाटियों के बीच से गुजरता है ट्रैक:
18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड यात्रा के दौरान सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की भी कमी पडती है। श्रीखंड जाते समय करीब एक दर्जन धार्मिक स्थल व देव शिलाएं हैं। श्रीखंड में भगवान शिव का शिवलिंग हैं। श्रीखंड से करीब 50 मीटर पहले पार्वती, गणेश व कार्तिक स्वामी की प्रतिमाएं भी हैं। श्रीखंड महादेव हिमाचल के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस चोटी पर भगवान शिव का वास है। इसके शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट है। यहां तक पहुंचने के लिए सुंदर घाटियों के बीच से एक ट्रैक है।

● श्रीखंड महादेव के कठिन रास्तों में खच्चर नहीं चल सकता:
अमरनाथ यात्रा के दौरान लोग जहां खच्चरों का सहारा लेते हैं। वहीं, श्रीखण्ड महादेव की 35 किलोमीटर की इतनी कठिन चढ़ाई है, जिसपर कोई खच्चर घोड़ा चल ही नहीं सकता। श्रीखण्ड का रास्ता रामपुर बुशैहर से जाता है। यहां से निरमण्ड, उसके बाद बागीपुल और आखिर में जांव के बाद पैदल यात्रा शुरू होती है।

● क्या है पौराणिक महत्व:
 श्री खंड महादेव की पौराणिक मान्यता है कि भस्मासुर राक्षस ने अपनी तपस्या से शिव से वरदान मांगा था कि वह जिस पर भी अपना हाथ रखेगा तो वह भस्म होगा। राक्षसी भाव होने के कारण उसने माता पार्वती से शादी करने की ठान ली इसलिए भस्मापुर ने शिव के ऊपर हाथ रखकर उसे भस्म करने की योजना बनाई लेकिन भगवान विष्णु ने उसकी मंशा को नष्ट किया। विष्णु ने माता पार्वती का रूप धारण किया और भस्मासुर को अपने साथ नृत्य करने के लिए राजी किया। नृत्य के दौरान भस्मासुर ने अपने सिर पर ही हाथ रख लिया और भस्म हो गया। आज भी वहां की मिट्टी व पानी दूर से लाल दिखाई देते हैं।

● मेडिकल चेकअप के बाद यात्रा की अनुमति:
सभी यात्रियों का पंजीकरण किया जाएगा और उनसे पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। मेडिकल चेकअप के बाद ही श्रद्धालुओं को यात्रा आरंभ करने की अनुमति दी जाती है। यात्रा के दौरान बचाव दल और मेडिकल टीमें हर समय तैनात रहती है। पंजीकरण के बगैर किसी भी श्रद्धालु को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती।
(Diwan Raja,Anni Today)


राजकीय उत्कृष्ठ जमा दो विद्यालय कोठी के चार होनहारों को मिलेगी छात्रवृत्ति

----राजकीय उत्कृष्ठ जमा दो विद्यालय कोठी के चार होनहार को मिलेगी मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति



प्रदेश सरकार समाज के कमजोर वर्गो के अलावा होनहार विद्यार्थियों को मेधावी छात्रवृत्ति योजना, अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना और ठाकुर सेन नेगी छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्तिया प्रदान कर रही है। विद्यार्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना के दृष्टिगत सरकार ने उन्हें छात्रवृत्तियों के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया है।

राजकीय उत्कृष्ठ जमा दो विद्यालय के शिक्षक बालकृष्ण कटोच ने बताया कि जिलास्तर और पाचवीं कक्षा की परीक्षा को बी-ग्रेड एवं इससे ऊपर की रैंकिंग से उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण संस्थानों के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) को छात्रवृत्ति पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिए प्राधिकृत एजेंसी बनाया गया है। खंडस्तर पर पहले एवं दूसरे स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों की अलग से वरिष्ठता सूची तैयार की जाती है । प्रत्येक शिक्षा खंड में छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा में सर्वोच्च स्थान पाने वाली दो लड़कियों एवं दो लड़कों का चयन किया जाता है और सफल पात्र विद्यार्थी को 800 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है । उन्होंने कहा कि शिक्षा खण्ड आनी से विद्यालय के गौरव कुमार ने प्रथम ,दक्ष कटोच ने द्वीतीय स्थान हासिल किया । वहीं,श्रुति बिष्ट ने प्रथम व कशिश ने दूसरा स्थान हासिल किया।  उन्होंने कहा कि पूरे शिक्षा खण्ड में केवल राजकीय उत्कृष्ट विद्यालय कोठी के होनहारों ने ही यह परीक्षा उत्तीर्ण की है ।
उन्होंने मेधावी छात्रवृत्ति के लिए चयनित होनहारों को शुभकामनाएं प्रदान की है ।
----अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दलाश के गंच्छवा में जगाई योग की अलख
(Diwan Raja, Anni Today)
पूरे विश्व भर में विश्व योग दिवस पर घर-घर योग की अलख जलाई गई। भारत में भी योग दिवस पर योग एवं प्राणायम के माध्यम से कोरोना रूपी काल को दूर भगाने का सन्देश दिया गया ।

आनी खण्ड की ग्राम पंचायत डिंगीधार के राजकीय प्राथमिक पाठशाला गंच्छवा के प्रांगण में भी लोगों ने योग एवं प्राणायाम किया । 
बताते चलें , गांव की अनिता आनन्द पिछले कई महीनों से गांव में योग ,प्राणायाम व अन्य क्रियाओं के माध्यम से एक स्वस्थ समाज जे निर्माण का संदेश देने में जुटी है।  

इस मौके पर भारत स्वाभिमान व पतंजलि योगपीठ के अनिल आर्य विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने कहा कि भारत के 6 आस्तिक दर्शनों में से योग दर्शन भी एक है। इस दर्शन के प्रवर्तक महर्षि पतंजलि है। उनका यह योग दर्शन समाधि, साधन विभूति तथा कैवल्य नाम के 4 पदों में विभक्त है। वैसे तो उपनिषदों में भी योग के अनेक प्रसंग है। योग वही है जिससे इंद्रियां साधक के बस में हो जाती हैं। लेकिन इस विषय को एक स्वतंत्र दर्शन के रूप में उपनिबंध करने का श्रेय महर्षि पतंजलि को ही प्राप्त है। इसमें किसी को भी कोई संदेह नहीं है। योग शब्द मुख्य रूप से चित्त वृत्तियों को एकाग्र करने के अर्थ में प्रसिद्ध है। जैसा कि महर्षि पतंजलि सूत्र में कहा गया है। वायु समान चित्र का सर्वदा निरोध करना अत्यंत दुष्कर है। इसलिए बार-बार अभ्यास करने एवं वैराग्य की आश्रय लेने से वह भी संभव हो जाता है ।

वहीं,योग साधिका अनिता आनन्द ने कहा कि योग के अभ्यास से मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा अन्य गंभीर बीमारियां सही हो जाती हैं। मौजूदा समय में जो कोरोना वायरस है इससे लड़ने के लिए योग के माध्यम से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा की जा सकती है और योग के माध्यम से कोरोना को मात दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि योग को नियमित करना जरूरी है। गाए-बागये योग करने से साधक को उतना लाभ नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी है। इसे देखते हुए सामूहिक योग कार्यक्रम नहीं हो सका। लेकिन लोगों ने घर-घर में योगाभ्यास करके इस दर्शन को मजबूत बनाना है ।  योग सभी रोगों को भगाता है।
इस मौके पर सुरेंद्र भारती, पूनम,शारदा,हिमानी,प्रीति,सुंदर,सुषमा,महेंद्र,निशा,राहुल,प्रकृति,रोशन लाल,कांता, चेतन,हीरा देवी,सेनु,डिंपू व महक आदि मौजूद रहे।



शगागी में क्यों फैंके शमशरी महादेव पर बिच्छू बूटी,घास व आटा

 ---- शगागी में क्यों फैंके शमशरी महादेव पर बिच्छू बूटी,घास व आटा (Diwan Raja,Anni Today ) हिमाचल प्रदेश देव भूमि के नाम से पूरे विश्व में व...